गोएथ विश्वविद्यालय फ्रैंकफर्ट(Goethe University Frankfurt) के खगोल भौतिकशास्त्रियों ने न्यूट्रॉन सितारों के अधिकतम द्रव्यमान के लिए एक नई सी...
गोएथ विश्वविद्यालय फ्रैंकफर्ट(Goethe University Frankfurt) के खगोल भौतिकशास्त्रियों ने न्यूट्रॉन सितारों के अधिकतम द्रव्यमान के लिए एक नई सीमा निर्धारित की है उनके अनुसार न्यूट्रॉन तारा 2.16 सौर द्रव्यमान से अधिक नहीं हो सकते हैं।
1960 के दशक में उनकी खोज के बाद से ही वैज्ञानिकों से इस महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर देने की मांग की गयी थी की वास्तव में न्यूट्रॉन सितारे की द्रव्यमान सीमा क्या है। भौतिकी के सिद्धांतों के अनुसार, एक निश्चित सीमा से ज्यादा द्रव्यमान किसी पिंड या वस्तु का होना संभव ही नही है। न्यूट्रॉन सितारे ब्रह्मांड में सबसे अधिक घनत्व रखनेवाले पिंडो में से एक है। लगभग 12.0km की त्रिज्या रखनेवाले न्यूट्रॉन तारा का द्रव्यमान हमारे सूर्य से दो गुणा तक हो सकता है। ज्यादातर न्यूट्रॉन तारो का द्रव्यमान हमारे सूर्य से लगभग 1.4 गुणा तक देखा गया है लेकिन कुछ न्यूट्रॉन तारे जैसे की PSR J0348+0432 का द्रव्यमान सूर्य से 2.01 गुणा अधिक है।
न्यूट्रॉन तारो से जुड़े कुछ तथ्य:
1. न्यूट्रॉन तारे ब्रह्माण्ड में सबसे अधिक घनत्व वाले तारे होते है। इनके घनत्व का अनुमान इन दो बातो से लगे जा सकता है। पहला इनकी त्रिज्या लगभग 10 -20 किलोमीटर की होती है जबकि द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का दुगुना। दूसरा अनुमान कुछ इस तरह से लगा सकते है कि एक माचिस के डिब्बी के बराबर के आयतन का पदार्थ अगर न्यूट्रॉन तारे से लिया जाए तो उसका द्रव्यमान करीब तीन अरब टन होगा।
2. एक न्यूट्रॉन तारे का गुरुत्वीय आकर्षण क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में 200 अरब गुना ज्यादा हो सकता है।
3. न्यूट्रॉन तारो का सबसे शक्तिशाली गुण उसका चुंबकीय क्षेत्र होता है किसी न्यूट्रॉन तारे का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में दस करोड़ से लेकर दस लाख अरब गुना तक शक्तिशाली हो सकता है और यह वाकई बहुत ज्यादा है।
4. न्यूट्रॉन तारे अपने अक्ष पर बहुत अधिक गति से घूर्णन करते है और अब तक के सबसे अधिक गति जिस न्यूट्रॉन तारे की मापी गयी है उसका नाम PSR J1748-2446ad है। ये तारा लगभग 43000 घूर्णन प्रति मिनट की दर से घूमता है अर्थात लगभग 716 घूर्णन प्रति सेकंड। अगर इस तारे की सतह की रेखीय गति प्रकाश की गति का 24 प्रतिशत आती है।
5. किसी नए जन्मे न्यूट्रॉन तारे के अंदर तापमान एक खरब केल्विन तक हो सकता है लेकिन बहुत तेजी से ऊर्जा छोड़ने के कारण ये कुछ वर्षो में ही गिर कर दस लाख केल्विन तक आ जाता है।
6. न्यूट्रॉन तारे की गुरुत्वाकर्षण का अनुमान ऐसे लगा सकते है कि अगर एक औसत आकर के न्यूट्रॉन तारे पर एक मीटर की ऊंचाई से कोई वस्तु छोड़ी जाये तो सतह पर वह लगभग 1400 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पहुंचेगी।
7. इतने अधिक गुरुत्वाकर्षण के साथ एक न्यूट्रॉन तारा समय की गति को भी प्रभावित करता है। किसी न्यूट्रॉन तारे की घूर्णन गति को अगर नजरअंदाज करके गणना की जाए तो उसकी सतह पर बिताए गए आठ साल पृथ्वी के दस साल के बराबर होंगे।
8. न्यूट्रॉन तारो के ग्रह भी हो सकते है लेकिन न्यूट्रॉन तारो का चुंबकीय क्षेत्र उनके वातावरण को नष्ट कर देता होगा। इसलिए उस ग्रह पर जीवन संभव नहीं होगा।
9. बाइनरी न्यूट्रॉन तारा सिस्टम गुरुत्वीय तरंगो को भी उत्पन्न कर सकते है।
Journal reference: Astrophysical Journal.
स्रोत: Goethe University Frankfurt am Main.


1. न्यूट्रॉन तारे ब्रह्माण्ड में सबसे अधिक घनत्व वाले तारे होते है। इनके घनत्व का अनुमान इन दो बातो से लगे जा सकता है। पहला इनकी त्रिज्या लगभग 10 -20 किलोमीटर की होती है जबकि द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का दुगुना। दूसरा अनुमान कुछ इस तरह से लगा सकते है कि एक माचिस के डिब्बी के बराबर के आयतन का पदार्थ अगर न्यूट्रॉन तारे से लिया जाए तो उसका द्रव्यमान करीब तीन अरब टन होगा।
2. एक न्यूट्रॉन तारे का गुरुत्वीय आकर्षण क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में 200 अरब गुना ज्यादा हो सकता है।
3. न्यूट्रॉन तारो का सबसे शक्तिशाली गुण उसका चुंबकीय क्षेत्र होता है किसी न्यूट्रॉन तारे का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में दस करोड़ से लेकर दस लाख अरब गुना तक शक्तिशाली हो सकता है और यह वाकई बहुत ज्यादा है।
4. न्यूट्रॉन तारे अपने अक्ष पर बहुत अधिक गति से घूर्णन करते है और अब तक के सबसे अधिक गति जिस न्यूट्रॉन तारे की मापी गयी है उसका नाम PSR J1748-2446ad है। ये तारा लगभग 43000 घूर्णन प्रति मिनट की दर से घूमता है अर्थात लगभग 716 घूर्णन प्रति सेकंड। अगर इस तारे की सतह की रेखीय गति प्रकाश की गति का 24 प्रतिशत आती है।
5. किसी नए जन्मे न्यूट्रॉन तारे के अंदर तापमान एक खरब केल्विन तक हो सकता है लेकिन बहुत तेजी से ऊर्जा छोड़ने के कारण ये कुछ वर्षो में ही गिर कर दस लाख केल्विन तक आ जाता है।
6. न्यूट्रॉन तारे की गुरुत्वाकर्षण का अनुमान ऐसे लगा सकते है कि अगर एक औसत आकर के न्यूट्रॉन तारे पर एक मीटर की ऊंचाई से कोई वस्तु छोड़ी जाये तो सतह पर वह लगभग 1400 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पहुंचेगी।
7. इतने अधिक गुरुत्वाकर्षण के साथ एक न्यूट्रॉन तारा समय की गति को भी प्रभावित करता है। किसी न्यूट्रॉन तारे की घूर्णन गति को अगर नजरअंदाज करके गणना की जाए तो उसकी सतह पर बिताए गए आठ साल पृथ्वी के दस साल के बराबर होंगे।
8. न्यूट्रॉन तारो के ग्रह भी हो सकते है लेकिन न्यूट्रॉन तारो का चुंबकीय क्षेत्र उनके वातावरण को नष्ट कर देता होगा। इसलिए उस ग्रह पर जीवन संभव नहीं होगा।
9. बाइनरी न्यूट्रॉन तारा सिस्टम गुरुत्वीय तरंगो को भी उत्पन्न कर सकते है।
Journal reference: Astrophysical Journal.
स्रोत: Goethe University Frankfurt am Main.
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