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वायेजर (Voyager) 1 के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य

By वैभव पाण्डेय नासा का भेजा हुआ  Voyager 1 (वायेजर प्रथम ) अन्तरिक्ष यान मानव जाति द्वारा भेजा हुआ ऐसा पहला यान (Deep Space Probe) हैं जो ह...

By वैभव पाण्डेय




नासा का भेजा हुआ Voyager 1 (वायेजर प्रथम) अन्तरिक्ष यान मानव जाति द्वारा भेजा हुआ ऐसा पहला यान (Deep Space Probe) हैं जो हमारे सौरमंडल को पार करके सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बाहर INTERSTELLAR space यानी अन्तरतारकीय अन्तरिक्ष में पहुंचा है. अगर हमे ब्रह्माण्ड में किसी और जगह जीवन ढूँढना हैं तो INTERSTELLAR प्रवास करना अति आवश्यक हैं. इसे सितम्बर 5, 1977 को टाइटन 3ई रॉकेट द्वारा बाह्य सौरमंडल के अध्ययन के उद्देश्य से नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया। यह नासा का सबसे लम्बा मिशन है।

Voyager 1 नासा के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का एक हिस्सा है। समय इस मिशन को लगभग 39 साल और एक महीना हो चुका है और यह स्पेस प्रोब आज भी काम कर रहा है और हमारे सामने सौरमंडल के अनेक अन्जान रहस्य हर पल भेज रहा है। यह मानव निर्मित पहली वस्तु है जो सौरमंडल के बाहर तक जा चुकी है और पृथ्वी से सर्वाधिक दूर है। वायेजर 1 से आने वाले संकेत जो प्रकाश गति से यात्रा करते हैं पृथ्वी तक पहुंचने में 13.8 घंटे ले रहे हैं। इसकी यह अनन्त यात्रा निरन्तर जारी है।

मानव जाति की कुछ महान उपलब्धियों में से एक, इस वायेजर मिशन के बारे में आज हम आपके सामने कुछ आश्चर्यजनक तथा रोमांचक तथ्य लेकर प्रस्तुत हैं -

1. Voyager 1 प्रतिदिन लगभग 10 लाख मील की दूरी तय करता है. इस गति पर अंतरिक्ष में अपने को सुरक्षित रखने के लिए इसे बहुत सी विशेषताओं की आवश्यकता होती है. वायेजर 1 को किसी खतरे का आभास होने पर कुछ सेकण्डों के भीतर अपने आप को स्वयं प्रोग्राम कर सकता है. इसकी इस विशेषता की इसे मानव इतिहास का सबसे लम्बा मिशन बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है, 1977 में इस तकनीक को बनाने में नासा को खासी मेहनत करनी पड़ी थी क्योंकि उस समय कम्पयूटिंग इतनी विकसित नहीं थी।


2. वायेजर 1 लगभग 65000 हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है। ये हिस्से भी अत्यंत छोटे-छोटे बहुत से पार्टस् को मिलाकर बनाये गये हैं। उदाहरण के लिए वायेजर की कम्पयूटर मेमोरी में लगभग एक मिलियन इलेक्ट्रानिक पार्टस् हैं। सोचिये इतने ज्यादा हिस्सों को एक साथ एसेम्बल करना कितना बड़ा काम है।

3. इसकी अन्य विशेषताओं में प्रमुख है इसका कैमरा। इसका कैमरा इतना साफ, स्पष्ट और क्षमता युक्त है कि यह आधी मील की दूरी से किसी मैगजीन को स्पष्टतया पढ़ सकता है। 1977 के समय इस क्षमता का डिजिटल कैमरा होना आम बात नहीं थी। उस समय यह किसी चमत्कार जैसा था। ऐसे ही चमत्कारों के कारण यह यान आज भी काम कर रहा है।

4. दानव ग्रहों ब्रहस्पति और शनि एवं गैस ग्रहों अरुण तथा वरुण का अध्ययन।  वायेजर 1 तथा वायेजर 2 की सहायता से दानव ग्रहों यानी बृहस्पति और शनि एवं गैस ग्रहों यानी अरुण तथा वरुण तथा उनके चन्द्रमाओं का अध्ययन करना सम्भव हुआ। इन यानों ने ग्रहों के असामान्य चुम्बकीय क्षेत्रों की भी जानकारी हमें दी।

5. पृथ्वी से अरबों मील की दूरी। वायेजर 1 पृथ्वी से लगभल 13 अरब मील की दूरी पर है और निरन्तर दूर शान्त अन्तरिक्ष में चला जा रहा है। हर सेकेंड के साथ इसकी गति और बढ़ जाती है और यह और दूर होता जाता है। 13 अरब मील .. जरा सोचिये कितनी दूरी होगी...

6. गोल्ड रिकार्ड डिस्क। वायेजर 1 अपने साथ एक स्वर्ण डिस्क ले गया है जिसमें कि मानव जाति के बारे में जानकारी, अमेरिका के राष्ट्रपति का भाषण, बच्चे के रोने की आवाज कई तरह के संगीत जिसमें की भारतीय संगीत भी शामिल है। इस गोल्ड डिस्क का प्रयोजन ये था कि यदि यह किसी उन्नत सभ्यता वाले परग्रही जीव को मिले तो उसे यह पता चले कि यह पृथ्वी से मानव जाति द्वारा भेजा गया यान है और उसे मानवों के बारे में जानकारी मिल सके।

7. सबसे तीव्रगामी मानव निर्मित वस्तु। जी हाँ, वायेजर प्रथम मानव निर्मित सबसे तेज चलने वाली वस्तु है। यह 38000 मील प्रति घंटे से थोड़ी अधिक गति से चल रहा है। हालांकि इतनी अधिक गति से चलने के बाद भी यह 38 साल में केवल सौलमंडल के बाहर ही निकल सका है।

8. अंतरतारकीय अंतरिक्ष में पहुंचने वाली प्रथम मानव निर्मित वस्तु। वायेजर प्रथम सौरमंडल के बाहर निकलकर अंतरतारकीय अंतरिक्ष में पहुंचने वाली प्रथम मानव निर्मित वस्तु है। यह पृथ्वी से दूरस्थ अंतरिक्ष यान है।

9. सबसे लम्बा अंतरिक्ष मिशन। वायेजर 1 किसी भी देश दवारा चलाया गया सबसे लम्बा स्पेस मिशन है। 1977 में शुरु हुआ यह मिशन अभी तक बिना किसी रुकावट के काम कर रहा है और इसके 2025 तक सक्रिय रहने का अनुमान है।

10. बृहस्पति के चंद्रमा पर ज्वालामुखीय घटनाओं की खोज। बृहस्पति के चंद्रमा Io पर वायेजर 1 द्वारा ज्वालामुखीय गतिविधियां देखी गईं। वैज्ञानिकों के लिए एक चौंका देने वाली जानकारी थी जो वायेजर 1 से मिली थी। यह पृथ्वी के अतिरिक्त सौरमंडल में स्थित किसी अन्य पिण्ड पर देखी गई पहली ज्वालामुखीय घटना थी। 





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वैभव पांडेय,94,Gallery,84,
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विज्ञान वैभव: वायेजर (Voyager) 1 के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य
वायेजर (Voyager) 1 के बारे में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य
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