श्यानता :- द्रव का वह गुण जिसके कारण वह विभिन्न परतों में होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है। ...
श्यानता:-
श्यानता का कारण :-
द्रवों में श्यानता का कारण द्रव के अणुओं के बीच कार्य करने वाला ससंजक बल है। गैसों में श्यानता का कारण अणुओं की एक परत से दूसरी परत में अणुओं का विसरण है।
ताप का प्रभाव:- ताप बढने पर द्रवों की श्यानता कम हो जाती है परन्तु गैसों की श्यानता बढ जाती है।
ताप का प्रभाव:- द्रवों में श्यानता दाब बढने पर बढती है तथा गैसों की श्यानता पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
श्यान बल:- द्रव की विभिन्न परतों के बीच कार्य करने वाले आन्तरिक घर्षण बल को श्यान बल कहते है।
- द्रव का वह गुण जिसके कारण वह विभिन्न परतों में होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है।
- गैसों की श्यानता द्रवों की श्यानता की तुलना में बहुत कम लगभग (1/100 ) होती है।
- श्यानता तभी कार्यशील होती है जब एक की पदार्थ की विभिन्न परतों के सापेक्ष गति हो, यही कारण है कि ठोसों में श्यानता नहीं होती।
श्यानता का कारण :-
द्रवों में श्यानता का कारण द्रव के अणुओं के बीच कार्य करने वाला ससंजक बल है। गैसों में श्यानता का कारण अणुओं की एक परत से दूसरी परत में अणुओं का विसरण है।
ताप का प्रभाव:- ताप बढने पर द्रवों की श्यानता कम हो जाती है परन्तु गैसों की श्यानता बढ जाती है।
ताप का प्रभाव:- द्रवों में श्यानता दाब बढने पर बढती है तथा गैसों की श्यानता पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
श्यान बल:- द्रव की विभिन्न परतों के बीच कार्य करने वाले आन्तरिक घर्षण बल को श्यान बल कहते है।
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